भारत की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से नई शिक्षा नीति 2024 (National Education Policy 2024) को लागू किया गया है। यह नीति छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए नई संभावनाओं और अवसरों का मार्ग खोलती है। इसमें पारंपरिक शिक्षा पद्धति को आधुनिक तकनीक और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ जोड़ा गया है। आइए जानते हैं कि इस नीति में क्या खास है।
1. स्कूल शिक्षा में बदलाव
(क) नई संरचना: 5+3+3+4 मॉडल
नई शिक्षा नीति के तहत, पारंपरिक 10+2 प्रणाली को बदलकर 5+3+3+4 मॉडल अपनाया गया है। यह संरचना छात्रों के विकास के हर चरण को ध्यान में रखकर बनाई गई है:
- प्री-प्राइमरी (3-8 वर्ष): बुनियादी शिक्षा पर ध्यान।
- प्राथमिक (8-11 वर्ष): भाषाई और गणितीय कौशल में मजबूती।
- मध्य (11-14 वर्ष): व्यावहारिक और अनुप्रयोग आधारित शिक्षा।
- माध्यमिक (14-18 वर्ष): छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार विषय चुनने की स्वतंत्रता।
(ख) बहुभाषीय शिक्षा
नई नीति में प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर दिया गया है। छात्रों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा देने से उनका बौद्धिक विकास तेज होगा।
2. उच्च शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन
(क) मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम
नई नीति में छात्रों को उच्च शिक्षा के दौरान किसी भी चरण पर ब्रेक लेने और पुनः पढ़ाई शुरू करने की सुविधा दी गई है। उदाहरण के लिए:
- 1 साल बाद सर्टिफिकेट।
- 2 साल बाद डिप्लोमा।
- 3-4 साल बाद डिग्री।
(ख) राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (NETF)
यह फोरम डिजिटल और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देगा। इसमें वर्चुअल लैब और ई-लर्निंग संसाधनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे छात्र हर जगह और हर समय शिक्षा प्राप्त कर सकें।
3. छात्रों के लिए विशेष प्रावधान
(क) क्रिटिकल थिंकिंग और कौशल विकास
नई नीति छात्रों को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उन्हें समस्या समाधान (Problem Solving), नवाचार (Innovation), और रचनात्मकता (Creativity) पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देती है।
(ख) आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स का मेल
छात्र अपनी रुचि के अनुसार कला, विज्ञान और वाणिज्य के विषयों का संयोजन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक छात्र गणित के साथ संगीत पढ़ सकता है।
(ग) खेल और योग का समावेश
शारीरिक शिक्षा, योग और खेलों को मुख्यधारा का हिस्सा बनाया गया है, जिससे छात्रों का शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित हो सके।
4. शिक्षकों के लिए नई दिशा
(क) शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार
नई नीति के अनुसार, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुदृढ़ किया गया है।
- 4 वर्षीय एकीकृत बी.एड प्रोग्राम अनिवार्य किया गया है।
- शिक्षकों को डिजिटल तकनीक और नवीनतम शिक्षण विधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
(ख) शिक्षकों की स्वतंत्रता और सशक्तिकरण
शिक्षकों को पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों में अधिक स्वतंत्रता दी गई है। इसके साथ ही, उनकी पेशेवर विकास के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
5. तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा का महत्व
नई शिक्षा नीति के तहत, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को स्कूली स्तर से ही लागू किया गया है। छात्रों को 6वीं कक्षा से कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और अन्य तकनीकी विषयों का ज्ञान दिया जाएगा।
6. समावेशी और समान शिक्षा
(क) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए विशेष सहायता
नई नीति आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करती है।
(ख) दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष प्रावधान
दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षण सामग्री और संसाधनों को उनकी जरूरतों के अनुसार अनुकूलित किया गया है।
7. पर्यावरण और नैतिक शिक्षा
पर्यावरण संरक्षण और नैतिक मूल्यों को शिक्षा का हिस्सा बनाया गया है। छात्रों को समाज और प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने पर जोर दिया गया है।
नई शिक्षा नीति 2024 शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगी, बल्कि शिक्षकों को भी सशक्त बनाएगी। यह नीति भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर ले जाएगी।
छात्रों और शिक्षकों के लिए यह नीति एक नई शुरुआत है, जो शिक्षा को रोचक, सुलभ और उपयोगी बनाने का वादा करती है।